आके नशीला नजारा चल ले जा सुन महफिल है सजी शाम बर्फीली! आके नशीला नजारा चल ले जा सुन महफिल है सजी शाम बर्फीली!
दिल बहलाने को, जब भी मयखाने जाता हूँ उस बेवफा को फिर भी मैं भुला नहीं पाता हूँ मौत से चाहूँ मिल... दिल बहलाने को, जब भी मयखाने जाता हूँ उस बेवफा को फिर भी मैं भुला नहीं पाता ह...
तवायफी रिवाज को तुम इस दुनिया से मिटाओ औरत को समाज में बराबर की इज्जत दिलाओ। तवायफी रिवाज को तुम इस दुनिया से मिटाओ औरत को समाज में बराबर की इज्जत दिलाओ।