दिल चुराने वाली
दिल चुराने वाली
दिल तो तूने चुरा लिया मगर मुझे
दिल लगाने की कला नहीं आती
सुना है दिल से चाहने वालों पर
यहाँ कभी कोई बला नहीं आती
दिल्लगी का मौसम आ गया है
कल हसीन मुलाकातें भी होंगी
चाँद और सितारों की छाँव तले
मोहब्बत की रंगीन रातें भी होंगी
कभी तू कहेगी कभी मैं सुनूंगा
कभी मैं कहूंगा कभी तू सुनेगी
रिश्तों की मखमली चादर पर
तू फिर इक नया ख़्वाब बुनेगी
ये मस्त बहारें, ये मादक हवाएं
पल-पल हमारा ही ज़िक्र करेंगी
दिल जब भी होंगे मायूस हमारे
ये वादियां हमारी फ़िक्र करेंगी
इश्क़ का महकता पुष्प बनकर
तेरे नयनों में खिलना चाहता हूँ
यहाँ सब्र का बाँध टूटा जाता है
अविलंब तुझसे मिलना चाहता हूँ