धरम के दोहे
धरम के दोहे
प्रेम ह्रदय की चेतना,जीवन का है सार
प्रेम बिना होता नही ,मानव का उद्धार
भारत भू है वह जहाँ , जन्म लिए श्री राम
केवल जिनके नाम से ,बनते बिगड़े काम
देश हमारी शान है , जन जन का ईमान
जानो हमको जान से ,प्यारा हिन्दुस्तान
भिन्न भिन्न हैं बोलियां, भिन्न भिन्न परिवेश
भिन्नता में समानता, ऐसा अपना देश
भारत देश महान है ,ऊँची जिसकी शान
गंगा जमुनी सभ्यता , है जिसकी पहचान।