STORYMIRROR

Aparna .

Tragedy Crime Inspirational

4  

Aparna .

Tragedy Crime Inspirational

देर है अंधेर नहीं

देर है अंधेर नहीं

1 min
336

आज नहीं तो कल

ये गांठ जरूर खुलेंगे,

झूठ के नाम पर आगे बढ़ने वालों

तुमको तुम्हारे सजा जरूर मिलेंगे।


मानव गंगा की पवित्र नदी को

मैला किया तुमने पापों से,

कमा लिए कितने सुनाम

अपने किए कारनामों से।


कर दिया भगवान को एक से अनेक

हो गए दंगे धर्मों से,

क्या चाहते हो तुम लोग

नर्क बन जाए यह धरती

तुम्हारी कुकर्मों से।


याद रखो ये सार

ये है जीवन का आधार

अच्छे कर्म पर आगे बढ़ना

बुरा कर्म पर पीछे हटना।


कितने ही युग चले गए

पर एक बात सब कह गए,

देर हो जाएगा

पर पाप का अंधकार भी मिट जाएगा।


कोई न कोई आएगा

सत्य को आगे ले जाएगा,

देर जरूर हो जाएगा

पर सत्य ज्योति भी छा जाएगा।

- अपर्णा


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy