बिन सुर गीत
बिन सुर गीत
संगीत में है मेरा शौक
सुनने से मिलती रौनक,
पर सुर है इसका अलग ज़रा
ताल है इसका महक भरा।
इसे गाते नहीं आम इंसान
न गाते हैं कवि महान,
इन्हें गातेेे हैं वे रत्न महान
जो है प्रकृति की शान।
पेड़ भी गाए, हवा भी गाए
लहराते और ताल मिलाते,
पक्षी,बादल,नदी भी गाए
गिरी शिखर संग सुर जमाते।
पर इंसान जो है महान बड़े
गाना सुनते झलक भरे,
पर भाग्य उसका जो
इन सुरों को सुन सके
और दिल को ठंडक दे सके।
इंसान जरा तुम ठहर जाओ
दिल थाम तनिक तुम रुक जाओ,
सुन सको तो सुन जाओ
सूरों से सूर मिला जाओ।
