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Sandeep Kumar

Romance Fantasy Children

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Sandeep Kumar

Romance Fantasy Children

ढूंढना ना होगा ईश्वर कोईश्वर

ढूंढना ना होगा ईश्वर कोईश्वर

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तुम तुम हो हम हम हैं

लेकिन ऐसा क्यों लगता

तुम्हारे बिना हम कम हैं।।


मोहब्बत के सफर में

चलते कई कदम है

तुम नहीं हो तो लगता

ये सफर बेदम हैं।।


आसिया खिला नभ में

नभ में न लगता हम हैं

सभी के चेहरे पर है मुस्कान

बस हमारे चेहरे पर ही गम है।।


अरे तुम ना हो तो यह

जिंदगी लगता नर्क समान

भरे पूरे महफिल भी

लगता खाक समान।।


मैं मैं का जिंदगी में

मैं का ना हैं कोई काम

हम तुम साथ हो अगर तो

साथ हैं चारों धाम।।


ढूंढना ना होगा ईश्वर को

ईश्वर होगा मेरे धाम

मैं से हम की तरफ चलो

साथ होगा यह ब्रह्मांड।।


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