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राजेश "बनारसी बाबू"

Action Classics Inspirational

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राजेश "बनारसी बाबू"

Action Classics Inspirational

चिलचिलाती धूप

चिलचिलाती धूप

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सूरज की रोशनी दिखाई है

लगता है चिलचिलाती धूप नजर

आई है।

पैर में छाले पड़ गए लगता है

फसल जली हुई नजर आई है


धूप में हमें जलना होगा 

हमें फसल फिर से बोना होगा

हौसला नहीं हारना होगा

चिलचिलाती धूप नजर आई है 

ये कैसी बेतहासी छाई है


पसीने सर से टपक रहे है

बच्चे भूखे मर रहे है।

हमे खेत में पानी देना होगा 

भूखे पेट आज वक्त सोना होगा

चिलचिलाती धूप आई है

चारो ओर उमश और गर्मी छाई है

बच्चे पानी से तड़फड़ा रहे 


खेत भी बिना पानी के सुख रहे

हमारी भी कदम खेत पर गर्मी से

जाने में लड़खड़ा रहे

कैसे पक्षी फड़फड़ा रहे

बिना पंखे के बच्चे भी तड़फड़ा रहे

चिलचिलाती धूप में हमें खेत में

जाना होगा


नंगे पांव जलते मिट्टी में हमें

चलना होगा

हमें हल से फसल सिचंना होगा

भूखे पेट खेत में चिलचिलाती धूप

में हमें सोना होगा।


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