शोर (fear of heart)
शोर (fear of heart)
सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं
तेरे अलफाजों को मैं दबाऊंगा क्योंकि मैं शोर हूं
तेरे हर उठते सवालों को मैं दबाऊंगा क्योंकि मैं शोर हूं
सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं
तू चीख-चिल्ला कोई नहीं सुनने वाला यहां
तेरे हर चीख से बस शोर होगा अब यहां
तुझे सुन कर भी अब अनसुने होंगे लोग यहां
क्योंकि शोर हूं मैं
सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं
तू चलना चहेगा, तू दौड़ना चाहेगा
पर अब तेरे कदम मैं रोक दूंगा
तेरे हर मंज़िल को तुझसे दूर कर दूंगा
क्योंकि सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं
लोग देख कर भी अब अंधे है
जान कर के भी अब अनजान
मुंह में जबान हो कर भी लोग खामोश हैं यहां
दिल में लगी आग है पर जलते लोग खुद है यहां
चार दिन की आवाजें बनते है लोग यहां
फिर नजर आते है खुद की परेशानी कम है क्या यहां
सुन ले मैं फिर आ गया
सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं
क्या देखता है यहां वहां मैं तेरे अन्दर ही तो हूं
नहीं निकाल सकता तू अब मुझे सुन मैं शोर हूं तेरा डर हूं मैं।।।
