वीरों की होली
वीरों की होली
आज चले हम सब भी,
होली रंग में खोने को,
इंद्रधनुषी रंग में
भीगने अपने ही तन मन को,
दूर बहुत है अपने,
माँ भारती के अंक में खेले है,
हम सब सैनानी मिल जुल,
बासंती ही रंगे है,
रंग रहे एक दूजे को
हम प्यारे प्यारे रंगों को,
छिपा कुछ अश्रुओं को,
चलते कर्तव्य पथ पर,
खेले सब भारतवासी,
मिलजुल ही इस होली को,
रक्षक बन हम जुटे हैं,
लिए बासंती रंग को,
रंगे एक दूजे को हम,
प्यारे प्यारे रंगों में,
रंगे दिलों से अपने
बस प्रेम के ही रंग में,
प्रेम के ही रंग में,
देखो सबको ही रंगना है,
लाल , गुलाबी, नीला,पीला,
कोई न अब बचना है,
एक हाथ में अस्त्र,
दूजे में प्रेम रंग है,
रक्षा के संग प्रेम लुटाना,
हम सैनिकों का अनूठा ढंग हैं,
याद आते अपने भी हमें,
इस पावन से उत्सव में,
भूल दुख फिर हम सब खेले,
प्यारे प्यारे रंग को,
कदम बढ़ाते रक्षा को हम,
न कभी भी थकते हैं,
प्रेम इस उत्सव में,
दिलों को प्रेम से रंगते हैं।।