हे मातृ भूमि के सेनानी वीर रत्न , भयक्रांत काल में न छोड़ प्रयत्न। अग्नि पथ हो या ब हे मातृ भूमि के सेनानी वीर रत्न , भयक्रांत काल में न छोड़ प्रयत्न। अग्...
है महंगी बड़ी, न हो अब कोई कोताही, भारत का मैं हूँ एक सिपाही ! है महंगी बड़ी, न हो अब कोई कोताही, भारत का मैं हूँ एक सिपाही !
हुआ नही शहीद भगतसिंह , सरकार देश की कहती है. हुआ नही शहीद भगतसिंह , सरकार देश की कहती है.
हर जाबाज को देना पूरा , सम्मान बाकी है।। जय हिंद ! हर जाबाज को देना पूरा , सम्मान बाकी है।। जय हिंद !
यह कविता शहीदों के नाम है। यह कविता शहीदों के नाम है।
स्वतंत्रता के महायुद्ध में शांति का जाप रहे स्वतंत्रता के महायुद्ध में शांति का जाप रहे