स्वतंत्रता सैनानियों को सलाम
स्वतंत्रता सैनानियों को सलाम
देश की स्वतंत्रता, अखंडता को मर मिटे,
उन वीर शहीदों को, करता प्रणाम हूँ।
ज़ंजीरें गुलामी वाली, जकड ना पायीं जिन्हें,
ऐसी शौर्य वीरता को, करता प्रणाम हूँ।
आज है स्वतंत्रता दिवस देन जिनकी भी,
राष्ट्र क्रांतिकारियों को करता प्रणाम हूँ।
शेखर सुभाष सुखदेव को प्रणाम मेरा,
भगत राजगुरु कोे मैं करता प्रणाम हूँ।
देश भक्ति में हुए समर्पित,
सिंहों को शीश झुकाता हूँ।
मैं भारत के युगपुरुषों की,
गौरव गाथा गाता हूँ।
शत्रु के समक्ष खड़े,
तान कर बक्ष लडे,
लक्ष्य एकमात्र भारती की थी स्वतंत्रता।
गूंजा हर गाँव में विगुल आजादी वाला,
राष्ट्र एकता की ही ये वेग थी स्वतंत्रता।
कितनी ही क्रूरता सहीं थीं उन फिरंगियों की,
जलियावाला कांड की प्रमाण थी स्वतंत्रता।
स्वतंत्रता नहीं थी कोई दान वो सहजता से,
बलिदानों का ही परिणाम थी स्वतंत्रता।
प्राप्त हुई आजादी अब, हमें मिलकर इसे रखाना है,
राष्ट्र भावना का दीपक, हर दिल में हमें जलना है।