STORYMIRROR

S Ram Verma

Romance

3  

S Ram Verma

Romance

छुअन का नशा !

छुअन का नशा !

1 min
431

बादलों की ओट से 

झिलमिलाते सितारों  

के निचे रात के दूसरे 


पहर में मेरे हाथों को 

थामे हुए तुम्हारे हाथ 

तुम्हारी छुवन के नशे 


में रोम रोम खिलता 

मेरे जिस्म का पोर पोर 

उस पर मिट्टी का लेप 


और बोसों का काफिला

गिरफ्त में मेरी सांसें 

और सुकून आहों का 

बहुत जालिम हो तुम !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance