चांदनी रात
चांदनी रात
चांदनी रात हो
तू मेरे साथ हो
मिलन हो ऐसा
एक हसीं बात हो
देख के तुझको मेरा
दिल यूं धड़कने लगे
तुझे पाने की चाहत में
दिल अब तड़पने लगे
चांद ने सजा दी है
रुत ये चांदनी की
गुलों ने महका दी है
सुगंध काशनी की
बाहों में बाहें डाल
ये पल यूं ही थम जाए
हसरत-ए-दीदार कुबूल
तू मेरी ज़िंदगी बन जाए
परवाने की तरह
ये जिस्म हो गया है
मोहब्बत-ए-अरमान में
मानो भस्म हो गया है
आने लगी है आभा
जब रात ये जवां है
तेरे - मेरे मिलन में
सितारों का कारवां है
इश्क ये हमारा इबादत हो जैसे
खुशियों का ये शहादत हो जैसे
उलफ़त में हमें कभी दगा ना मिले
हमारी ये मोहब्बत हमेशा सलामत रहे..।
( काशनी - एक प्रकार का फूल, इबादत - पूजा, शहादत - प्रमाण, उलफ़त - प्रेम )