STORYMIRROR

Meera Raikwar

Romance

4  

Meera Raikwar

Romance

चांद -चांदनी

चांद -चांदनी

1 min
264


ऐ चांद उतर आ आसमां पर

आज मिलन की रात है

पहले पहल प्यार की बात है

पहले वायदे की बात है.... ऐ


बिन चांदनी तुम कितने उदास हो

मलिन चेहरा शुष्क अधर है

प्रतीक्षा करते तुम उदास हो

ये प्यार और वादे की बात है ...ऐ


देखो बज रही है पायल की रुनझुन

शीतल श्वेत चांदनी आ रही है

आते ही बिखर गया धवल प्रकाश

नीलांबर पर आई सितारों की बारात है


ठुमक ठुमक चल रही है चांदनी

प्रेम पाश में बांधने को आतुर तुम

रुकती ठुमकती चलती चांदनी

ये तुम्हारे प्रेम प्रतीक्षा की बात है...ऐ


आखिर पा ही लिया तुमने

चेहरा तुम्हारा निखर आया है

ठहरी हुई चांदनी ठहरे हुये तुम

गमन धीमा रमन की रात है


देख तुम्हारी प्रेम परीक्षा

नीलांबर रजतांबर हो गया है

झांकने चमकने लगे सितारे

आखिर यह प्रणय की बात है...ऐ


मिलकर तुमसे निखरी चांदनी

नव वधु सी शर्माई लजाई है

कोने कोने बिखर गई चांदनी

हां आज तुम्हारे मिलन की रात है...ऐ


    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance