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Syeda Noorjahan

Drama Tragedy

4  

Syeda Noorjahan

Drama Tragedy

बताओ क्या किया जाए

बताओ क्या किया जाए

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बताओ क्या किया जाए

ज़िन्दगी रुठ जाए तो

मुहब्बत दुर जाए तो

ज़माना लूट जाए तो

क्या किया जाए


जब कोई सहारा ना हो

जब भंवर में हों हम

कोई किनारा ना हो

जब सफ़र में हों हम


मगर मंज़िल लापता हो जाए

बताओ क्या किया जाए

जब नऐ दिन की रौशनी में

कोई उम्मीद नज़र ना आए

बहार में खिलते फूल

जीवन को ना मेहकाए


धड़कने चल रही हों मगर

जीते जी कोई मर जाए

दिल रोना चाहे मगर

आंखें एक भी आंसू ना बहाए

बताओ क्या किया जाए

ख़ुदारा कोई तो बताओ


कया किया जाए

कि हर गुज़रती सांस

मेरा दिल चीर जाती हैं

जिसे भुलना चाहुं 

उसकी यादें बुलाती हैं

मैं आगे बढ़ना चाहुं 

तो पैर छिलते हैं


अब टुटे ख्वाब भी

पछतावे से हाथ मलते हैं

मुझे इस आग में डुबने कौन बचाए

बताओ क्या किया जाए

बताओ क्या किया जाए......


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