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Nilofar Farooqui Tauseef

Fantasy Children

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Nilofar Farooqui Tauseef

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बसन्त ऋतु

बसन्त ऋतु

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मस्ती में मन गाये मल्हार।

देखो जी देखो, आया बसन्त बहार।


रंग-बिरंगे फूल खूब इठलाए,

चारों ओर बगिया महकाये।

फुदक-फुदक नन्ही चिड़िया,

मन पावन कर जाए।


नदिया कल-कल करती,

उमंग में बहती जाए।

शीत ऋतु सायोनारा बोल,

बहार बसन्त ले आए।


बसन्त ऋतु खूब मन मस्तानी।

थिरके मन लाये नई जवानी।


नए-नए पत्तों ने की हरियाली।

बसन्त ऋतु लगे प्यारी भोली-भाली।

बसन्त ऋतु लगे प्यारी भोली-भाली।


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