बसन्त ऋतु
बसन्त ऋतु
मस्ती में मन गाये मल्हार।
देखो जी देखो, आया बसन्त बहार।
रंग-बिरंगे फूल खूब इठलाए,
चारों ओर बगिया महकाये।
फुदक-फुदक नन्ही चिड़िया,
मन पावन कर जाए।
नदिया कल-कल करती,
उमंग में बहती जाए।
शीत ऋतु सायोनारा बोल,
बहार बसन्त ले आए।
बसन्त ऋतु खूब मन मस्तानी।
थिरके मन लाये नई जवानी।
नए-नए पत्तों ने की हरियाली।
बसन्त ऋतु लगे प्यारी भोली-भाली।
बसन्त ऋतु लगे प्यारी भोली-भाली।
