Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nand Lal Mani Tripathi

Drama Romance Fantasy

4  

Nand Lal Mani Tripathi

Drama Romance Fantasy

बसन्त बाहर

बसन्त बाहर

1 min
238


आई आई बसंत बहार 

लहलहाते खेत खलिहान

पीले फूल सरसों के खेतों में

बाली झूमें खुशियों की बान हज़ार।।

आई आई बसंत बाहर

लाहलाते खेत खलिहान।        


बजते बीना पाणि के

सारंगी सितार माँ की अर्घ्य

आराधना संस्कृति संस्कार भोर में

कोयल की मधुर तान।।

आई आई बसंत बहार

लहलहाते खेत खलिहान।।


गांव नगर गलियों में

फागुन की फाग उत्साह,

उमंग की टोली घूमे

बासंती बाला की गूंजे गान।।


आई आई बसंत बहार 

लहलहाते खेत खलिहान।।

रंगों की फर फर फुहार

होली की मस्ती निखार

उड़ते रंग अबीर गुलाल।।


आई आई बसन्त बाहर

लहलहाते खेत खलिहान।।

मिटे भेद उमर जाति पाँति के 

लागे सब आदमी इंसान।।            


आई आई बसंत बहार

लहलहाते खेत खलिहान।।

सारे गीले शिकवे हुए समाप्त

बैर भाव के टूटे दर दीवाल 


सम भाव का देश समाज।।

आई आई बसंत बयार 

लहलहाते खेत खलिहान।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama