मेरी असफलताएं
मेरी असफलताएं
मैं और मेरी असफलताएं
खड़ी बीच तिराहे पर
खुद से झगड़ने को
दूसरों से आगे बढ़ने को
पर क्यों झकझोरती है ?
मेरी असफलताएं
अक्सर मुझे नीचा दिखाने को
पर इन्हीं से तो
हैं, मेरा बजूद
दुनिया सीखती ही है
मेरी असफलताओं
से कि सफलता में
क्या मज़ा है ?
लोग डरते हैं जिन
असफलताओ से
मैं तो उनका स्वामी हूँ !
कोई तो मुझे सम्मानित करो
कि मैं खुद तो सफल
न हो सका किन्तु
सफल होने वालो के लिए
उदाहरण तो बना
लोग सीख़ लेते हैं
मेरी असफलताओ से
और बच निकलते हैं
साँपो के कुनबे की तरह
लहराते हुए उन गलतियों
से जो मैनें की थी
फिर भी नीचा दिखाने
की कोशिश करती हैं !
मुझें क्यों
मेरी असफलताएं ?