STORYMIRROR

Manjul Singh

Tragedy Fantasy Inspirational

4  

Manjul Singh

Tragedy Fantasy Inspirational

मेरी असफलताएं

मेरी असफलताएं

1 min
302

मैं और मेरी असफलताएं

खड़ी बीच तिराहे पर

खुद से झगड़ने को

दूसरों से आगे बढ़ने को

पर क्यों झकझोरती है ? 


मेरी असफलताएं

अक्सर मुझे नीचा दिखाने को 

पर इन्हीं से तो 

हैं, मेरा बजूद

दुनिया सीखती ही है

मेरी असफलताओं 

से कि सफलता में 

क्या मज़ा है ?


लोग डरते हैं जिन 

असफलताओ से 

मैं तो उनका स्वामी हूँ !

कोई तो मुझे सम्मानित करो

कि मैं खुद तो सफल 

न हो सका किन्तु

सफल होने वालो के लिए

 

उदाहरण तो बना

लोग सीख़ लेते हैं 

मेरी असफलताओ से 

और बच निकलते हैं 

साँपो के कुनबे की तरह 

लहराते हुए उन गलतियों 

से जो मैनें की थी


फिर भी नीचा दिखाने 

की कोशिश करती हैं !

मुझें क्यों

मेरी असफलताएं ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy