पापा मेरी दुनिया
पापा मेरी दुनिया


उंगली पकड़ने से क़लम तक का सफ़र दिया।
पापा आपने मुझे, जीने का हुनर दिया।
पालकहार भी मेरे, गुरु भी मेरे ।
दुनिया भी मेरी, दुनिया के खिलौने भी मेरे।
आप नायक ही नहीं, मेरे आशियाँ भी हैं।
टूटते हौसलों के बीच मेरे कहकशां भी हैं
आप से बेहतर दुनिया में, कौन समझ पाया है?
सब ने धोका दिया, सिर्फ आपने अपनाया है।
साया नहीं अब मेरे ऊपर आपका बाकी रहा।
सब कुछ लूट गया, और क्या बाकी रहा।
दुआ तो आज भी आपकी असर करती है।
ये ज़िन्दगी आपके नाम से ही पापा बसर करती है।