गुलाल
गुलाल
सफेद सा यह समा
आज रंगीन बनाना है
अपने चहेते और चाहने वाले को
आज गुलाल लगाना है
इस होली के पावन अवसर पर एकमात्र मकसद
उदासी मिटाकर खुशियां फैलाना है
कुछ मासूम चेहरों के खोए हुए निखार को
आज मुस्कान के माध्यम से वापस लाना है ।
मन तो यह है कि
आज तितलियों सा बन जाऊं
रंगो के माध्यम से
पुरानी किलकारियों को वापस लाऊँ
एक अल्हड़ से नशे में खुद को खोकर
एक नए किरदार को उभार कर लाऊँ
इस मासूम चेहरे के पीछे छुपे
उस नटखट रूप से माहौल को हास्यमय बनाऊँ।
आज नशा रंगो का होगा
गुलाबी पीला या लाल
चढ़ेगा सब पर गुलाल
आज दिखेगा त्योहार का कमाल
जब होली में उड़ेगा गुलाल।
