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Raptika Shukla

Inspirational

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Raptika Shukla

Inspirational

जीत

जीत

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हसरतें तो हजारों हैं,

मेहनत भी है भरपूर ,

ईमानदारी का है गुरूर ,

मंज़िल तक जाना है ज़रूर ,,


गिर भी गए तो क्या,

उठकर खड़े होने का है जुनून ,

कुछ अपनों का है सुकून ,

कहीं प्यार तो कहीं है अपना ही खून ,,


कई आएंगे रोकने वाले ,

हर पड़ाव पर टोकने वाले,

तू बस चलता चल राही ,

यही कहना चाहती है मेरी स्याही.. ..


होना मत बस तू मगरूर ,

अभिमान तो प्रकृति को भी ना है मंज़ूर ,

परिश्रम का करले सुरूर ,

बस जीत का रख तू फितूर.....

बस जीत का रख तू फितूर !!!!!


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