STORYMIRROR

Raptika Shukla

Inspirational

4  

Raptika Shukla

Inspirational

हम कल फिर हसेंगे

हम कल फिर हसेंगे

1 min
293


आज संकट का सागर है तो क्या ,

कल सुकून का समुन्द्र भी आएगा ,

हम दृढ़ता से बढ़ते चलेंगे 

हम कल फिर हसेंगे ! 


आज अकेलेपन का ग़म है तो क्या ,

कल लोगो का सैलाब भी आएगा ,

हम सकारात्मक होकर इंतजार करेंगे 

हम कल फिर हसेंगे !


आज स्वप्न अधूरे हैं तो क्या ,

कल सफलता का परचम भी लहराएगा ,

हम अपने आज का सुधार करेंगे 

हम कल फिर हसेंगे ! 


आज उनका वक्त है तो क्या ,

कल हम भी छाएंगे ,

जलन , द्वेष नहीं , सबसे झुक कर सीखेंगे ,

हम कल फिर हसेंगे ! 


अगर आज आंसू आ भी गया तो क्या ,

कल चेहरा खिलखिला कर मुस्कुराएगा ,

हम आज आंसू पोंछ आगे बढ़ेंगे 

हम कल फिर हसेंगे !

हम कल फिर हसेंगे !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational