हम कल फिर हसेंगे
हम कल फिर हसेंगे
आज संकट का सागर है तो क्या ,
कल सुकून का समुन्द्र भी आएगा ,
हम दृढ़ता से बढ़ते चलेंगे
हम कल फिर हसेंगे !
आज अकेलेपन का ग़म है तो क्या ,
कल लोगो का सैलाब भी आएगा ,
हम सकारात्मक होकर इंतजार करेंगे
हम कल फिर हसेंगे !
आज स्वप्न अधूरे हैं तो क्या ,
कल सफलता का परचम भी लहराएगा ,
हम अपने आज का सुधार करेंगे
हम कल फिर हसेंगे !
आज उनका वक्त है तो क्या ,
कल हम भी छाएंगे ,
जलन , द्वेष नहीं , सबसे झुक कर सीखेंगे ,
हम कल फिर हसेंगे !
अगर आज आंसू आ भी गया तो क्या ,
कल चेहरा खिलखिला कर मुस्कुराएगा ,
हम आज आंसू पोंछ आगे बढ़ेंगे
हम कल फिर हसेंगे !
हम कल फिर हसेंगे !
