धीरे धीरे बड़ी हुई जब तेरी हंसी की फुलझड़ी धीरे धीरे बड़ी हुई जब तेरी हंसी की फुलझड़ी
रक्षक ही चोर हो जायें फिर तहकीकात से क्या डरना रक्षक ही चोर हो जायें फिर तहकीकात से क्या डरना
ईमानदारी का है गुरूर , मंज़िल तक जाना है ज़रूर। ईमानदारी का है गुरूर , मंज़िल तक जाना है ज़रूर।
मुझे सिर्फ जीतना है वरना हारने से बहतर तो मरना है. मुझे सिर्फ जीतना है वरना हारने से बहतर तो मरना है.
जो अगर साथ चलोगे, बाजी जीत जाये, मेहनत रंग लाएगी, दुनिया भी गीत गाये। जो अगर साथ चलोगे, बाजी जीत जाये, मेहनत रंग लाएगी, दुनिया भी गीत गाये।
दादा दादी नाना नानी व रिश्तेदारों के साथ छुट्टियां मनाने को दादा दादी नाना नानी व रिश्तेदारों के साथ छुट्टियां मनाने को