रक्षक ही चोर हो जायें फिर तहकीकात से क्या डरना रक्षक ही चोर हो जायें फिर तहकीकात से क्या डरना
कोख की कोठरी से उसकी चीख बेहोश माँ भी न सुन सकी कोख की कोठरी से उसकी चीख बेहोश माँ भी न सुन सकी