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Rabindra kumar Sahoo

Abstract Drama

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Rabindra kumar Sahoo

Abstract Drama

बन्धुता

बन्धुता

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जिन्दगी की अगला नाम

इन्सान की हर सफलता

का नाम

जब सब कुछ में

 लाने चाहते हो

 सरसता और सुन्दरता

 तब हर किसी की

जिन्दगी में चाहिए बन्धुता।


बन्धु की साथ बन्धुता

 टाल देता है

जिन्दगी में हर संकट और

हर विफलता

हर गम और खुसि का

अगला नाम है बन्धुता।


हर पल हर वाक्त

 जो हमारे साथ

छाया की तरह रहते है

जो हर काम 

 हर परिशान में

हमारे साथ देता है

वोही हमारी

सच्चे बन्धु होता है

उसकी नाम को बन्धुता

कहलाता है।

हर मुश्किल काम को

आसान बनाने का नाम

हर परिशान को

हटाने बाले की नाम

स्नेह, प्रेम और

 श्रद्धा का नाम

बन्धूता कहलाता है।


 बन्धुता ही

 प्रेम की सागर है

 बन्धुता भक्त्ति, 

मुक्ति की मार्ग और

मुक्तिदाता है।

 बन्धु ही भ्राता,

 माता, पिता है


 बन्धु ही जिन्दगी की

मुख्य परामर्शदाता है

बन्धु ही स्नेह, प्रेम की

 अतुट बन्धन है

बन्धु ही मान, सम्मान और

ज्ञान दाता है

बिपथ से रुकने और

रुकाने वाले है

यही सबको बन्धु की

बन्धुता कहलाता है।

बन्धु ही सत्य,

शिव, सुन्दर है


सब कुछ की शिक्षा,

सिद्धि, बुद्धि,बृद्धि का नाम

बन्धु और बन्धूता है

 बन्धु और बन्धुता जग में

सबसे प्यारा और न्यारा है।


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