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Rabindra kumar Sahoo

Inspirational

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Rabindra kumar Sahoo

Inspirational

"में हूं पागल"

"में हूं पागल"

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इस देश के लिए

इस जाति के लिए

इस परिवेश,

प्रर्यावरण के लिए

मैं हूं पागल ।

इस मिट्टी के लिए

इस मिट्टी की 

सुरक्षा के लिए

 इस देश की

अखंडता के लिए

मैं हूं पागल ।

बेरोजगारी, बेकारी,

बिमारी, सूखा, नंगा

देश से हटाने के लिए

उत्तम स्वास्थ्य के लिए

संस्कार और शिक्षा के लिए

मैं हूं पागल ।

भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए,

अन्धाकानुन हटाने के लिए

दुष्कर्म को मिटाने के लिए

देश मैं हर क्षेत्र मैं समानता और

समता लाने के लिए

मैं हूं पागल ।

बृद्धाबस्था मैं  

हर कोई इनकी माता पिता की

सम्मान और सेवा करने की

शपथ लेने को

 हर किसी को जगाना

बेटा बेटी मैं

कोई फरक ना देखने को

समझाना

हर इन्सान को

इन्सान की रूप मैं

सोचने को बतलाना

अहिंसा की मार्ग मैं

चलने का साथ साथ

हर कोई भी

इसी मार्ग मैं चलने को

कहलाता हूं

इसी देश की जनता को

जागने और जगाने को भी

मैं पागल हूं ।

    



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