मज़बूत बनो
मज़बूत बनो
अकेले होकर तुम उदास होते हो,
कौन मनाता है जो नाराज होते हो?
मूड अपना जो तुम इतना खराब करते हो,
कौन पूछता है जब तुम चुपचाप होते हो?
उसकी एक झलक को बेकरार रहते हो,
इतना तडपाती है फिर भी उसके शिकार होते हो?
दिन भर सबकी फिक्र में मशगूल रहते हो,
रात को फिर क्यू नींद की तलाश में होते हो?
अकेले होकर तुम सवाल करते हो,
कौन देता है जवाब जो इतना परेशान होते हो?
कुछ भी तो नहीं अब गवाने को,
आंसू पोंछो बेवजह रोते हो।
