मेरा दिन
मेरा दिन
कहते हैं,
"सुबह की ख़ूबसूरती का एहसास उसी को होता है, जो
'वक्त पर जाग जाए।'
इन दिनों गुजराती रात और उगते सूरज से,
लगभाग रोज़ मुलाक़ात हो ही जाती है...
अपने घर लौटने के सफ़र में,
पक्षियों को अपना घोसला छोड़ते देखती हूँ,
उनकी चहचहाहट से अपने शहर को गूंजता देखती है
हूं..
काले आसमान की रंगत बदलते देखती हूँ,
रोज़ एक नई सुबह का आगमन देखती हूं...
अपने आस-पास की प्रकृति का रोज़ नया स्वरूप
देखती हूँ,
आज कल कुछ ऐसा मैंने अपने नये दिन का आरंभ किया
करती हूं...