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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

Inspirational

उर में प्रश्नों का दबाव

उर में प्रश्नों का दबाव

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उर में लिए अनगिनत प्रश्नों का दबाव ;

      हुआ विदिर्ण अब मानव स्वभाव !


आज नहीं तो कल ऐसा ही होगा ;

     प्रश्नों का भाव कुछ और मुखर होगा !


जीत होगी सच्चाई और नैतिकता की ;

      अर्धकुण्ठित मानसिकता बदलेगी !


कपटी छद्‌मवेशधारी दुम दबा भागेंगे ;

      एक एक कर झूठ की परतें उघढ़ेंगी !


एक दिन ज़रूर खुल जाएंगे उनके भेद ;

  न्याय ध्वज़ फहराया करेगा लक्ष्य प्रभेद !


सीधे सरल हृदय के लोगों का भाईचारा ;

   सम्प्रदाय द्वेष खत्म हो एक धर्म हमारा !


सच्चे लोग मानवता के,सच्चे साधक होंगें ;

  अन्तर्मन के क्षोभ निःशंक ना बाधक होंगे!


मन की सारी कालिमा धुल जायेगी ;

    मन मंदिर सा पावन और निर्मल होगा !


ख़ुशहालियों का सर्वत्र आश्रय होगा ;

  हरेक मन में साहस धैर्य का संबल होगा !


सेवा किया करेंगे पुज्यनीय मात पिता का ;

    परम दुष्टों का होगा पल में हार संहार !


निश्चय मन में उपजेगी आध्यात्मिक धारा ;

   मानवता की सेवा से चमकेगा सितारा !

 

           


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