वो मां ही तो है
वो मां ही तो है
वो मां ही तो है
जो खुद भूखी रहकर
हमें खिलाती है,
खुद रह कर भी धूप में हमें
अंचल की ठंडी छाँव में
हमें चैन की नींद सुलाती है !
हां वो मां ही तो है
जो हम पर आने वाले सारी
मुसीबतों से डटकर
सामना कर हमें बचाती हैं,
गिर जाते है अगर कभी करते वक़्त सफर
जिंदगी की रहो में तो आ कर
हमें उठाती हैं !
हां वो मां ही तो है
जो गलत क्या है सही क्या है
इन सभी बातों को अच्छी तरह से
हमें बतलाती है,
और हो जाए अगर गलती हमसे कभी
तो कर के माफ हमारी
सारी गलतियों को हमें प्यार से
गले लगाती है !
