शिवमय हुआ प्रतिक्षण
शिवमय हुआ प्रतिक्षण
शिव जी ही सुन्दरम हैं और सत्यम भी ;
शिव जी ही हैं जीवन का लक्ष्य परम भी !
सकल जगत का हो सुनिश्चित कल्याण ;
उन्होंने गरल पीकर निभाया अपना धरम !
महाशिवरात्रि की रात का परिणय पावन ;
गृहस्थ जीवन का बना शुभ सोपान प्रथम !
शिवजी व पार्वती जी की साधना करें हम ;
जिन्होंने त्याग तपस्या को बनाया आवरण !
इहलोक से उहलोक तक की यात्रा प्रतिक्षण ;
शिवमय हो जाता ज़ब करते शिवजी का स्मरण ।
