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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

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Bhagwati Saxena Gaur

Inspirational

नारी के विभिन्न रूप

नारी के विभिन्न रूप

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जाने कितनी तरह के ये अश्कों के मोती,

अपनी कहानी सुनाते हुए मन को भेदते हैं !!

गत जीवन जो सुख दुःख झेले, उन स्मृतियों,

उर के छाले सहलाती, मोती तो अश्कों के थे !!

कभी हंसी के पलों में खुद को बहलाती हूँ,

बड़ी फुरसतो से निहारती, मोती सुनहरे से थे !!

यु कुुछ मन को समझाती हूँ, धड़कनों का सागर भी,

कोलाहल जो लहरों सा, अश्कों का नूर बरसाती हूँ !!

यूँ कुछ उत्सव मनाती हूँ, तन्हाइयों से गहरा रिश्ता है,

यूँ ज़िन्दगी मैं तमाम करती हूँ, यूँ दिल को भरमाती हूँ !!


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