उसकी रजा
उसकी रजा
उसके हुक्म में रहना सीखो
उसकी रज़ा में राज़ी रहो,
माया है महा ठगिनी
सब काम माया से भरे हुए।
जो माया की सेवा करता
उस पर माया किसी तरह भी
कभी कोई मेहरबानी नहीं करती
सन्त महात्माओं को भी माया ने भुलाया।
माया तुम पर अपना जाल न डाले
दीन हीन नम्र विनीत बने रहो,
अपने को छोटा मानो,गर्व न करो
प्रभु की आज्ञा उल्लंघन न करो।
आवत खर्चो, अच्छे काम में लगाओ
भूखे जनों की मदद करो, दान करो
जोड़ो तो नाश हो जावे, या चोर ले जावे,
या किसी न किसी रूप में चला जावे।
किसी से पूछने की ज़रूरत नहीं
आत्मा के रस में शिथिलता नहीं,
अन्न ,जल ,सेवा का दान करो
निरासक्त निर्लिप्त भाव से करो।
जितना समय हमारे पास है
अभी से सहज भाव से शुरू कर दो,
नाम रतन धन को बढ़ाते जायें,
सन्तों के आशीर्वाद से पूर्णकाम हों।