लड़के होने का सफर
लड़के होने का सफर
पूरी बात सुने बिना ही,
फैसला कर लेना,
लड़का लड़की का भेद नहीं,
लड़की बोली गलत है लड़का,
तो गलत है लड़का,
हम लड़के है जनाब,
हम सही कहा होते है कभी,
घर से दूर रहते है,
घर के लिए ही,
मां बाप का ख्याल नही,
ये ताने कसते है लोग,
मां बाप की खातिर
उनसे ही दूर रहना
किसको आसान होता है
हम लड़के है जनाब,
हम सही कहाँ होते है कभी।।
हर रिश्ते को दिल से सींचा,
फिर पत्ते बिखरे आँख दिखाए,
तुम्हे रिस्तो की कदर कहा,
चारो तरफ ये सुनने को आए,
दिल टूटकर रोया जिससे,
हम लड़के है जनाब,
हम सही कहाँ होते हैं कभी।।
घर पर रहे तो निकम्मा कहते,
बाहर रहे तो आवारा कहते,
ये दोगली दुनिया है और इसके है ये लोग,
हर बार घूम फिरा कर गलत लडको को ठहराए,
अरे सच है ,
हम लड़के है जनाब ,
हम सही कहाँ होते है कभी।।
रोज आँखो में आँसू लेकर,
अंदर ही अंदर रोते है,
मन की व्यथा ना
हम लोग किसी से कहते है,
एक भी छलका जो ये आँसू,
हम अपनो के तानों से डरते है,
हम लड़के है जनाब ,
हम सही कहाँ होते है कभी।
हम सही कहाँ होते है कभी।।
