अपना कौन
अपना कौन
खूब दिखावा लोग हैं करते,
अंदर अंदर जहर हैं भरते।
प्रश्न चिन्ह एक बना है मौन,
इस दुनियां में अपना कौन?
इच्छाओं का लगा है रेला,
मन रहता है सदा अकेला।
उत्तर ढूंढें मन का मौन,
इस दुनियां में अपना कौन?
जब दुनियां में हम हैं आते,
रिश्ते- नाते साथ में लाते।
समझ सके जो मन का मौन,
इस दुनियां में अपना कौन?
चार दिनों का है ये मेला,
जग ये सारा रेलम-रेला।
धैर्य रखें देखें हो मौन,
वक्त बताता अपना कौन।
