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Syeda Noorjahan

Romance Fantasy

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Syeda Noorjahan

Romance Fantasy

रुबरु

रुबरु

1 min
200

कोई लम्हा दिल मेरा उसे भुलाता नहीं

ख्वाब में रहता है वो रुबरु आता नहीं


उसे देखने की कोई जुस्तजू नहीं है

मगर बिना देखे दिल को चैन आता नहीं


कहीं दिल में है ख्वाहिश कहे वो भी

ख्यालों में तु आए तो और कुछ आता नहीं


खु़मार आंखों का है या उसके नाम का असर है

किसी शबाब में तो ऐसा ख़ुमार आता नहीं


सुनो क्या कहे तुमसे बेताबी मेरे दिल की

रह के दिल में कोई दिल को तड़पाता नहीं।


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