बीती रात कमल दल फूले
बीती रात कमल दल फूले
भंवरे रोज जब आते है, कमल दल खिल जाते है।
कलियों को मुस्काते है, बीच कमल फंस जाते है।
गुंजायमान है यह गगन, दिल भी है अब मगन।
आओ घुल मिल जाए मन, जागे भारत का हर जन जन।
देश में कमल दल खिल गया है, केसरिया बाना फिर बन गया है।
धारा तीन सौ सत्तर हटने के बाद, संभलने का जिक्र कर गया है।।