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Rajit ram Ranjan

Drama Inspirational

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Rajit ram Ranjan

Drama Inspirational

भूल बैठे हैं

भूल बैठे हैं

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हम उजाले ढूँढ़ते हैं,

इस कदर, भूल बैठे हैं,

कि सुबह तो, हम ही हैं,

काफी कुछ हम ढूँढ़ते है।


शायद खुद को,

भूल बैठे हैं,

नदी होकर भी हम,

समुद्र पाने की,

आस लगाए बैठे हैं।


मगर यह नहीं मालूम,

कि नदी ही

थोड़ी गहराई बदलने पर,

समुन्द्र का रूप,

परिवर्तन कर लेती है।


हर किसी के,

अंदर एक ऐसी ही ऊर्जा,

समाहित होती है,

इसकी तलाश,

हमें करनी चाहिए।


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