भाईचारा
भाईचारा
भाईचारा सबसे प्यारा, करते सारा जग उजियारा।
राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, तीनों लोकों में है न्यारा।।
करो वंदना इनकी आओ, राम राम जयकार लगाओ
ज़रा सिख लो इन से तुम भी, बनते कैसे राज दुलारा ।।
क्या कर्म, क्या धर्म तुम्हारा, क्या कर्तव्य अधिकार तुम्हारा
आज लगा लो बाज़ी अपनी, आज सत्य है तुझे पुकारा ।।
बन जा तू महान रे मानव, कब तक रहोगे असभ्य कुंवारा
भाईचारा है ऐसी शक्ति, ना हाथ लगाए कोई दुराचारा ।।
देख इतिहास के पन्ने से भी मीठा बन तू गन्ने से भी
जिस दिन कटु वचन होंठ तेरे सत्य आए न हाथ दोबारा।।
अमित, अमन, दीप, शेक सुहारा, मम्मी पापा के आँख के तारा
भाईचारा सबसे प्यारा करते सारा जग उजियारा।।
