राही अंजाना

Tragedy

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राही अंजाना

Tragedy

बेटी

बेटी

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न अपनी माँ की कोख में,

न धरती माँ की गोद में सुरक्षित हूँ,

न अपने घर की चौखट में,

न किसी गलियारे में सुरक्षित हूँ,

हालात कुछ इतने बिगड़े हैं

मेरे शहर की दीवारों के,

के मानो मैं न अपनी

खुद की ही परछाईं में सुरक्षित हूँ।।


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