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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Tragedy

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Ramashankar Roy 'शंकर केहरी'

Tragedy

नंगा जिंदा पुतला

नंगा जिंदा पुतला

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तस्वीर झूठ नहीं बोलती

कुछ कहती भी नहीं

कुछ छुपाती भी नहीं

अलग नजर अलग नजारा

एक फुटपाथ पर 

आलिशान शोरूम के सामने

दो हमउम्र बचे, खड़े आमने सामने

एक पुतला, एक पुतला बना

अच्छे परिधान में पुतला

फटेहाल नंगे बदन जिंदा मासूम

निहारती तौलती सकुचाती

मजबूर गरीब बचपन की आँखे

कल्पना मे घुसना चाहती पुतले के अंदर

महसूसने हेतु कैसा दिखेगा परिधानमय

कंकालनुमा लाचार वंचित बचपन

सांत्वना नहीं सहयोग होना चाहिए

अब बचपन बचाने का प्रयोग होना चाहिए।।



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