सब मस्त है जिंदगी में अपनी फिलहाल मैं आज कंगाल हूँ !!!!!! सब मस्त है जिंदगी में अपनी फिलहाल मैं आज कंगाल हूँ !!!!!!
बन जाती है अलौकिक देव प्रतिमा जो होती है सबकी आराध्य बन जाती है अलौकिक देव प्रतिमा जो होती है सबकी आराध्य
जो अपनी आहट से ही खुद के मौजूद होने का खुद ही एहसास करा देता है। जो अपनी आहट से ही खुद के मौजूद होने का खुद ही एहसास करा देता है।
पैरो में पड़ गये छाले है। कोमल हाथ मेरे हो गये जख़्मी है। पैरो में पड़ गये छाले है। कोमल हाथ मेरे हो गये जख़्मी है।
सांत्वना नहीं सहयोग होना चाहिए अब बचपन बचाने का प्रयोग होना चाहिए।। सांत्वना नहीं सहयोग होना चाहिए अब बचपन बचाने का प्रयोग होना चाहिए।।