Dr Jogender Singh(jogi)
Fantasy
बारिश से धुले, पेड़ पौधे,
सतरंगी होता आसमान।
भिगो देती तन मन,
टपकती बूंदे, टप टप।
शायद यह नज़ारा आएगा?
बैठ सीमेंट के जंगल में,
बेगानी /बेमानी चाह।
नींद
गुरु
कैसी दीपावली
आखिरी जेवर
सुबह
भुल्लन
खिड़की की जाल...
विस्तार
बेपनाह
दूर नहीं तू
कुछ समझ ना आए तो पानी उबाल के रखिए। कुछ समझ ना आए तो पानी उबाल के रखिए।
'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे नया सा सुन लेता।' ए... 'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे...
खुद ही पहेली बन जाने से पहले, धड़कनों को जरा तुम दबोच लो खुद ही पहेली बन जाने से पहले, धड़कनों को जरा तुम दबोच लो
रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...! रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...!
तू ही है प्रीत, तू ही मनमीत ,तू ही संगीत है जानम तुझे क्या नाम दूं जानम। तू ही है प्रीत, तू ही मनमीत ,तू ही संगीत है जानम तुझे क्या नाम दूं जानम।
भावनाओं की डोर पर तर्क के खंजर से न वार करना भावनाओं की डोर पर तर्क के खंजर से न वार करना
प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी। प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी।
राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ । राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ ।
अनंत अंतर- आकाश में, काली घटा घिर आई, अनंत अंतर- आकाश में, काली घटा घिर आई,
राधा कहतीं, " खूब जानती हूँ मैं तुम्हें", और रंग देतीं कृष्ण के गाल, और बिखर जाता सार राधा कहतीं, " खूब जानती हूँ मैं तुम्हें", और रंग देतीं कृष्ण के गाल, और बिखर...
इक चूनर है जिसपर उसने खुद टांके थे चांद सितारे आज किसी ने पूछा मुझसे क्या रखा है पास इक चूनर है जिसपर उसने खुद टांके थे चांद सितारे आज किसी ने पूछा मुझसे क्या रखा...
मैं भी शायद गलत वक्त पर गुलाब था ले आया वो बेहद शर्मा गई थी उसे कोई अच्छा बहाना ना मैं भी शायद गलत वक्त पर गुलाब था ले आया वो बेहद शर्मा गई थी उसे कोई अच्छा ब...
मिल गयी दुनियां के झमेले में जान मिल गयी। मिल गयी दुनियां के झमेले में जान मिल गयी।
वात्सल्य उनकी आँखों का वर्णन से है दूर बहुत वात्सल्य उनकी आँखों का वर्णन से है दूर बहुत
किताबों से यकीनन जी 'हिया' अब भर गया होगा वो मुद्दत बाद लौटा है मिरा दर खटखटाने को। किताबों से यकीनन जी 'हिया' अब भर गया होगा वो मुद्दत बाद लौटा है मिरा दर खटखट...
मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार उतना? मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार...
दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन पाता हूँ। दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन प...
मेरी हर पहचान मेरा रूप है जिंदगी एक वादा है एक इरादा है जिंदगी। मेरी हर पहचान मेरा रूप है जिंदगी एक वादा है एक इरादा है जिंदगी।
जिन्न ने कहा," जो हुक्म मेरे आका, इस वक्त की यही उचित मांग है।" जिन्न ने कहा," जो हुक्म मेरे आका, इस वक्त की यही उचित मांग है।"
क्यों खामोश बैठे हो वार करोगे क्या ? मेरे भरोसे को तार-तार करोगे क्या? क्यों खामोश बैठे हो वार करोगे क्या ? मेरे भरोसे को तार-तार करोगे क्या?