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Anita Sharma

Tragedy Crime Inspirational

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Anita Sharma

Tragedy Crime Inspirational

औरत का चेहरा

औरत का चेहरा

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औरत ने अपने चेहरे पर कई मुखोटे लगा रख्खे है। 

मेकअप के नीचे नजाने कितने दर्द छुपा रख्खे है।


होठों पर मुस्कान दिलों में गम दबा रख्खे है। 

हर औरत है परेशा, हर घर की एक कहानी है। 


कहानी के हिसाब से चेहरों की पहचान बेमानी है। 

तसल्ली से देखो कभीतो चेहरों की असलियत समझ आती है। 


खिलखिलाती हंसी भी एक सिरहन पैदाकर जाती है। 

बारिश में भी आँखों के आँसू समझ आजाते है । 


चेहरे की हर लकीर एक दास्तान सुनाजाती है। 

जो कभी ये चेहरे अपना मुखोटा उतारते हैं। 


न जाने कितने चमकते चेहरों के नकाब उतर जाते हैं।


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