Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Crime Fantasy Inspirational

4.5  

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Crime Fantasy Inspirational

अशुद्ध अछूत – नारी

अशुद्ध अछूत – नारी

1 min
338


वंचित रखा मुझको

जिन खास दिनों की खातिर

मुझको मेरी दिनचर्या से

पूजा से भोजन सृजन प्रक्रिया से

वो खास नहीं थे दिन

बस तेरी मलिन सोच का हिस्सा थे

जिन खून के धब्बों को तूने

अपयश के संज्ञान दिए

मुझको माना अछूत और

अपनी विकृत बुद्धि के प्रमाण दिए

सब दोष नहीं तेरा है

ये मैंने माना है फिर भी पुरुष था तू

तूने कैसे इन भावों को समर्थन थे दिए

तू शिक्षक है अधिवक्ता है

तू इनसे ऊपर एक चिकित्सक है

फिर कैसे तूने रूढ़िवादी  कुत्सित

विचारों को सम्मान दिए

वंचित रखा मुझको

जिन खास दिनों की खातिर

मुझको मेरी दिनचर्या से

पूजा से भोजन सृजन प्रक्रिया से 

वो खास नहीं थे दिन

बस तेरी मलिन सोच का हिस्सा थे

जिन खून के धब्बों को तूने

अपयश के संज्ञान दिए

मुझको माना अछूत और

अपनी विकृत बुद्धि के प्रमाण दिए

कैसे क्यूं कर मुझे अशुद्ध कहा

कैसे क्यूं कर वंचित रखा

एक अँधेरे कमरे में

क्यों कैद कर मुझे रक्खा

जितने भी घर में अनुष्ठान हुए

मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ

मुझको हर माह , महा वारी होगी

जिसके चलते तेरे वंश की

मेरी कोख में प्रस्फुटन

और रखवाली होगी

इसी सुरक्षित आख्या में फिर

उसकी सृजन समीक्षा होगी

मैं जिसके कारण माता कहलाऊँगी

वंचित रखा मुझको

जिन खास दिनों की खातिर

मुझको मेरी दिनचर्या से

पूजा से भोजन सृजन प्रक्रिया से 

वो खास नहीं थे दिन

बस तेरी मलिन सोच का हिस्सा थे

जिन खून के धब्बों को तूने

अपयश के संज्ञान दिए

मुझको माना अछूत और

अपनी विकृत बुद्धि के प्रमाण दिए


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Crime