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Diwa Shanker Saraswat

Tragedy Crime Inspirational

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Diwa Shanker Saraswat

Tragedy Crime Inspirational

जीवित खिलोना बनने से पहले

जीवित खिलोना बनने से पहले

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एक बिटिया माँ की कोख मेंं

उम्मीद लगायी बेठी थी

आऊंगी जब बाहर मैं

हंस जायेगी माँ पीड़ा में भी


पिता खुशी से नाचेंगे

लड्डू सबको बांटेंगें

और बनूंगी गुङिया मैं

माँ मेंरे बाल बनायेंगीं

मुझको लाङ लड़ायेंगी


देख देख मेंरी लीला

याद करेंगी अपना बचपन

पढ लिख कर मैं नाम करूंगी

पापा का सम्मान बनूंगी

जीवित गुङिया बनकर मैं

जीवित खिलोने की पर्याय बनूंगी


पर नासमझ नहीं समझी

जग इतना निर्दय होता है

खुद की बिटिया का हत्यारा

क्या उसका बाप कभी होता है

लाश बनी वह बाहर आयी


निर्दय को दया न आई

एक खिलोना बनने से पहले

नर क्यों तूने उसे तोङ दिया

पिता की गरिमा से गिरकर


क्यों हत्यारा बन बैठा

और मात तू साथ पिता के

यह भी कैसा अचरज है

तू भी बेटी किसी पिता की


इसको तू क्यों भूल गयी

अगर न आती तू दुनिया मेंं

मेंरी तरह दी जाती मार

कैसे करती दीदार जगत का

समझा दे मुझको यह बात

तुमसे न कभी अब बात करूंगी

अब ईश्वर से करूं सबाल

काहे तू बेटी बना भेजता

हत्यारों के घर मेंं आज


कुछ ऐसा कर दो कुछ ही दिन

बंद करो बेटी निर्माण

फिर देखूं कैसे बंश बढेगा

टूटेगा जग का अभिमान

दुआ करेंगे फिर बेटी को

यज्ञ करेंगें मुझे पाने को

बेटा बेटी भेद भुलाकर

जग पकड़ेगा सच्ची राह।


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