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Diwa Shanker Saraswat

Inspirational Others

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Diwa Shanker Saraswat

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सूप और छलने

सूप और छलने

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सूप चुप रहने लगे

छलने बोल रहे हैं।

सहस्र छिद्रों के स्वामी

उपदेशक का रूप रख

कर्कश ध्वनि से कंपा रहे

सच को झूठ बता रहे

छन छन छन

खटर खटर खटर

निज ध्वनि से जग को जगाते

छलने बोल रहे हैं

सार को रखता

थोथे को उड़ाता

कोने में छिपा

सूप शांत है

शायद सूप शांत नहीं

आज भी बोलते हैं

सुनता कौन उसकी

छलने की ध्वनि में

सूप की गहराई

सूप का सदाचार

कथनी और करनी में एकरूपता

अब कौन चाहता

शोर का युग

धर्म, कर्म भी ध्वनि आधारित

दिखावट का आधिक्य

सच झूठ से परे

सूप मौन हो गये

छलने बोल रहे हैं

अर्थ का अनर्थ करते

त्याग को शोषण बताते



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