"प्यार किसी से-शादी किसी से"
"प्यार किसी से-शादी किसी से"
मैं हूँ यहाँ,मन तेरे पास है
दिल से पूछो मेरा क्या हाल है
मैं दूर हूँ तुझसे तू दूर है मुझसे
प्यार कितना है यहाँ बताऊँ मैं किससे
हुआ हूँ दूर तो मत समझना प्यार खत्म हो गया
घाव ऐसा मिला की अब वो जख्म हो गया
सनम ये दूरी अब सहन होती नहीं
जब तक की तुम मेरी होती नहीं
गिले है तुझसे बहुत पर, शिकवा करुँ तो किससे
चले फिर वही प्यार की हवा,हो फिर से वही किस्से
इश्क़ के लिए इश्क़ में फना होना पड़ता है
सच्चे प्यार में एक-दूसरे को रोना पड़ता है
जिस दिन तूझसे मुलाकात होगी
आंसू बहेगें और चार बात होगी
प्यार तो सब करते है,पर जब उसमें सियापे होते है
फिर पता चलता है,कौन अपने और कौन पराये होते है
ऑप्शन तो बहुत है पर चॉइस सिर्फ तुम हो
मेरी जिंदगी की अब ख्वाईश सिर्फ तुम हो
किया तुझको परेशान इसलिए परेशान हूँ
माफ कर देना मुझको,मैं भी इंसान हूँ
अपनी आदत मुझे लगाकर,खुद दूर जा रही थी
लग रहा था ऐसा मेरी मौत अब पास आ रही थी
लगता है मुझको मार दिया किसी ने,अब जिन्दा लाश हूँ मैं
ए-जिंदगी क्या चाहती है तू, किस मंजिल की तलाश हूँ मैं
लगता है दिल पर किसी ने बड़ा सा पत्थर रखा है
मेरी नसीब में किस बदनसीब का मुकद्दर रखा है
तेरे आंखों में एक भी आंसू मैं देख नहीं सकता
बिन तेरे अब मैं एक पल भी, रह नहीं सकता
तेरे आँसूओ को देखकर मैं सोचता हूँ, सब छोड कर चला जाऊँ
है अगर तू परेशान मुझसे,तो अपना दिल मरोड़ कर चला जाऊँ
तेरे आँसूओ से मुझे अब तेरी बेबसी दिखती है
ऐसा ही रहा तो प्यार की नाव फसी दिखती है
तुझे छोड़ मैं किसी और से शादी कर लूँ
इससे अच्छा है कि मैं, अपनी बर्बादी कर लूँ।