सताती है जब भी
सताती है जब भी
सताती है जब भी तू हद से ज्यादा मुझे,
अब तुझे तो नहीं पर, तेरी यादों को पनाह देता हूँ।
और तेरे चेहरे को बादल कुछ इस तरह बनाने के लिए,
एक तीली को फास्फोरस पर लगाकर, सिगरेट जला लेता हूँ।।
सताती है जब भी तू हद से ज्यादा मुझे,
अब तुझे तो नहीं पर, तेरी यादों को पनाह देता हूँ।
और तेरे चेहरे को बादल कुछ इस तरह बनाने के लिए,
एक तीली को फास्फोरस पर लगाकर, सिगरेट जला लेता हूँ।।