शमा की आगोश में, शमा की आगोश में,
इक मेरा नहीं, इक उसका नहीं तुम हर घर को रौशन किया करो! इक मेरा नहीं, इक उसका नहीं तुम हर घर को रौशन किया करो!
तेरे चेहरे को बादल कुछ इस तरह बनाने के लिए, तेरे चेहरे को बादल कुछ इस तरह बनाने के लिए,
चिंगारी को नजरंदाज मत करना चिंगारी को नजरंदाज मत करना
लेकिन ऐसा उसने क्यों किया रोशनी को क्यों जला दिया लेकिन ऐसा उसने क्यों किया रोशनी को क्यों जला दिया
मेरी वफ़ा पे, तो खींच लाना मेरी शायरी को कठघरे में, और.. चारों ओर एक अदालत रख देना.. मेरी वफ़ा पे, तो खींच लाना मेरी शायरी को कठघरे में, और.. चारों ओर एक अदालत रख दे...